स्नेहिल प्रभात वंदन सभी को। ईश्वर कृपा बनाये रखें।
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फूलों से अंगना सजाऊंगी मैया मेरे घर आयेंगी। अपने अपने द्वार पर वंदनवार सजा लें भक्ति के चौक पूर लें ।भक्तों का कल्याण करने मां नवरूपों आ गई हैं । जयकारा मां शेरावाली का बोलिये सांचे दरबार की जय ।
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मां दुर्गा के श्री चरणों में,
करता जो सर्वस्व समर्पण ।
मां भी उसके भंडारे में ,
कर देती तन मन सब अर्पण ।।
धूप दीप नैवेद्य चढ़ाकर ,
चरणों में जो भी रखता मन ।
जीवन उसका महके जैसे ,
चारों ओर महकता चंदन ।।
सर्व सुखों की प्राप्ति करें जो,
मैया का करता नित वंदन ।
पाकर कृपा असीम मात की ,
जीवन बन जाता नंदन वन ।।
नव दिन नव रूपों का मैया ,
करे हृदय से जो भी पूजन ।
भक्त कभी नहिं संकट पाता ,
भव से तर जाता है जीवन ।।
मातु भवानी अंबे माता,
रूप तुम्हारा है अति पावन ।
हम सब भक्त करे हैं मिलकर ,
नव दुर्गा शक्ति आराधन ।।
सुख समृद्धि सुयश वह पाए ,
सर्व सुलभ उसको सब साधन ।
श्रद्धा भक्ति सहित जो करता ,
मां दुर्गा का नियमित राधन ।।
🙏